जांजगीर चांपा

छ.ग. की कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया रासुका कानून अघोषित आपातकाल है – नेता प्रतिपक्ष चंदेल।

इस काले कानून का समाज के हर वर्ग को करना चाहिए कड़ा विरोध।

@ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।

छ.ग. विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रेस से बातचीत करने हुए कहा कि छ.ग. प्रदेश की कांग्रेस व भूपेश सरकार के द्वारा षडयंत्र पूर्वक लाये गये रासुका कानून, षडयंत्र व तानाशाही पूर्ण लगाया गया कानून है। यह आम आदमी के प्रजातांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों का हनन है। राज्य सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने का अलोकतांत्रिक कदम है। यह रासुका कानून छ.ग. प्रदेश में अघोशित आपातकाल लगाने जैसा कार्य है।

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा है कि राश्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत इस काननू को सुनियोजित ढंग से चुपचाप तरिके से इसे लागू करने के लिए सभी कलेक्टरों को अधिकार दिया है। यह प्रदेश सरकार के मुख्या भूपेश बघेल के तानाषाही पूर्ण रवैये को स्पष्ट रूप से उजागर करता है। आज प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी, महिलाएं, किसान, नवजवान सहित समाज का हर तपका इस राज्य सरकार के कुशासन से आक्रोषित है, सबके मन में भारी गुस्सा व रोश व्याप्त है, समाज का हर वर्ग भूपेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी में है। इन सारी परिस्थिति से विचलित होकर छ.ग. की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में रासुका लगाने का फैसला लिया है। वहीं एक तरफ यहां के मुख्यमंत्री कहते है कि यहां कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक है, वही दूसरी तरफ रासुका जैसे कानून को जारी करने की अधिसूचना जारी की जाती है, यह लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ कु्रर मजाक है।

 

नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने राज्य सरकार को चेतावनी भरे शब्दों में अगाह किया है कि वे ऐसे काले कानून को वापस ले अन्यथा हर स्तर पर इसका सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि पूरे छ.ग. प्रदेश में कांग्रेस सरकार के संरक्षण में सुनियोजित ढंग से धर्मान्तरण हो रहा है। धर्मान्तरण की आग में छ.ग. जलने लगा है, नारायणपुर की घटना इस बात का ज्वलंत प्रमाण है। धर्मान्तरण की ये आग धिरे-धिरे समूचे छ.ग. में फैल रही है, लेकिन आष्चर्य यह है कि धर्मान्तरण व मदांतरण के मुद्दे पर भूपेश बघेल की यह सरकार मौन है, शासन व प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे है। बस्तर के नारायणपुर सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर धार्मान्तरण को रोकने का प्रयास करने वाले समाजिक व धार्मिक कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी धारा लगा कर उन्हे जेल के पीछे डाला गया है, उनपर फर्जी मुकदमें दायर किये गये है। यह सब बात इस बात का स्पश्ट प्रमाण है कि पूरे छ.ग. प्रदेश में शासन व प्रशासन के संरक्षण में धर्मान्तरण तेजी के साथ फल-फूल रहा है। धर्मान्तरण सिर्फ धर्मान्तरण नहीं है यह राष्ट्रांत है। इससे राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा है।

 

धर्मान्तरण करने वालों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही सरकार को करने की आवश्यकता है। नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने प्रेस से बातचीत में छ.ग. की भूपेश सरकार को अगाह करते हुए कहा है कि रासुका जैसे काले कानून को शीघ्र वापस नहीं लिया गया तो हम जनता के सहयोग से सड़क पर तीव्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी यहां के शासन व प्रशासन की होगी।

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