
कोतवाली में टीआई और चेले की जोड़ी बनी चर्चा का विषय
आरोपी पक्ष को जेल जाने का भय दिखाकर किया जा रहा खुलेआम वसूली
जहां-जहां साहब जाते हैं वहां-वहां हो जाती है आरक्षक की पोस्टिंग !
जांजगीर-चाम्पा : जिला मुख्यालय के सिटी कोतवाली में टीआई और उनके करीब आरक्षक की जोड़ी इन दिनों चर्चा में है। बताया जा रहा है कि जहां भी टीआई का पोस्टिंग होता है, वहीं उनके “चेले” आरक्षक की भी नियुक्ति हो जाती है। दोनों की यह जोड़ी अब कथित रूप से वसूली के मामले में सुर्खियां बटोर रही है। गुप्त सूत्रों के अनुसार, कोतवाली क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज होते ही यह “चेले” सक्रिय हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि केस की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं के हाथों में होती है। आरोप है कि आरोपी पक्ष से समझौते के नाम पर मोटी रकम ली जाती है और कई मामलों में जेल भेजने के बजाय थाना स्तर पर ही लेन-देन कर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। तो पूर्व से जमे 2 से 3 लोग ही थाना की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे है और खूब वसूली की जा रही है। पीड़ित पक्षो का भी कहना है कि कार्रवाई के नाम पर उनसे भी पैसों की मांग की जाती है। पुलिस विभाग के भीतर ऐसे आरोपों ने ईमानदार पुलिसकर्मियों की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। आरक्षक एक प्रतिष्ठित समाज से जुड़ा हुआ है इसका वह भरपूर फायदा भी उठा रहा है क्योंकि वह समाज का हजारों की संख्या जिला मुख्यालय जांजगीर में है साथ ही उसे आरक्षक के सगे संबंधी आसपास के गांव में निवासरत हैं।फिलहाल वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
सरकारी गाड़ी व नीला बत्ती का दुरुपयोग
उक्त आरक्षक द्वारा बाकायदा साहब के आदेशा अनुसार सरकारी गाड़ी का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है उस सरकारी गाड़ी में बाकायदा नीला बत्ती भी लगा हुआ है जिसका भय दिखाकर चेले द्वारा वसूली में और चांद-चांद लगाया जा रहा है।












