
जांजगीर-चांपा लगरा गांव के मासूम 9 वर्षीय सम्राट टंडन की गुमशुदगी ने सोमवार की शाम पूरे गांव को चिंता और भय से भर दिया था। कुछ ही घंटों में मामला अपहरण और फिरौती मांगने तक पहुंचा। परिजनों के आंसुओं और बेचैनी के बीच पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी और आखिरकार एक बड़ी कामयाबी हासिल की।सम्राट को बिलासपुर जिले के रतनपुर के पास से सुरक्षित बरामद किया गया। इस राहत की खबर के साथ ही गांव में सन्नाटे की जगह खुशी और कृतज्ञता का माहौल छा गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एक चौंकाने वाली सच्चाई भी सामने रखी – अपहरण की साजिश में शामिल कोई और नहीं बल्कि बच्चे का चचेरा भाई ही निकला। उसके साथ दो अन्य साथी भी गिरफ्तार किए गए।पुलिस जांच में सामने आया कि 10 लाख रुपये की फिरौती के लिए मासूम को अगवा किया गया था। अपहरणकर्ताओं ने पूरी योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते वे पैसे तक नहीं पहुंच सके और पकड़े गए।गांव में लोग इस बात से सदमे में हैं कि परिवार के ही खून का रिश्ता ऐसा अमानवीय कदम उठा सकता है। जहां एक ओर मासूम की सुरक्षित वापसी पर लोग राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विश्वास और रिश्तों की पवित्रता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।सम्राट को जब मां की गोद में वापस सौंपा गया तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। एक मां की ममता और पुलिस की सक्रियता ने इस मासूम को सुरक्षित घर पहुंचा दिया, वरना कहानी किसी भयावह मोड़ पर जा सकती थी।












