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कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ माँ जानकी निवास में श्रीमद्भागवत महापुराण

प्रथम दिवस पंडित चतुर्वेदी ने सुनाए परीक्षित जन्म की कथा

 

हरीश कुमार राठौर

जांजगीर-चाम्पा। जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम खोखरा के आदर्श नगर भाठापारा के माँ जानकी निवास में भव्य कलश यात्रा के साथ संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण का शुभारंभ हुआ व्यास पीठ पर पंडित पवन चतुर्वेदी जी विराजमान हुए जो प्रथम दिवस सर्व देवपूजा, पीठ पूजा, कर परीक्षित जन्म का कथा सुनते हुए श्रीमद् भागवत महापुराण का शुभारंभ किया पंडित चतुर्वेदी ने परीक्षित जन्म का कथा सुनाते हुए कहा कि महाभारत युद्ध का अंतिम चरण: महाभारत का भीषण युद्ध समाप्त हो चुका था। पांडव विजयी हुए, लेकिन युद्ध के अंत में गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा ने प्रतिशोध की भावना से पांडवों के शिविर पर हमला किया और द्रौपदी के पाँचों पुत्रों का वध कर दिया। अपने कृत्य के लिए जब अर्जुन अश्वत्थामा को पकड़ने पहुँचे, तो भयभीत अश्वत्थामा ने पांडव वंश को समूल नष्ट करने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। यह जानते हुए कि अर्जुन भी ब्रह्मास्त्र चलाएँगे, उसने अपना अस्त्र उत्तरा के गर्भ की ओर मोड़ दिया, जिसमें परीक्षित पल रहे थे। उत्तरा ने भयभीत होकर भगवान श्रीकृष्ण से अपने अजन्मे शिशु की रक्षा की गुहार लगाई। भगवान कृष्ण ने तत्काल अपने सुदर्शन चक्र से उस ब्रह्मास्त्र के प्रभाव को नष्ट कर दिया और गर्भ में पल रहे बालक की रक्षा की। इस प्रकार, श्रीकृष्ण ने परीक्षित को गर्भ में ही नया जीवनदान दिया। आज कथा में श्रीमद्भागवत कथा में यजमान के रूप में कैलाश मंजू राठौर, विजय संध्या राठौर, राकेश सोमेश्वरी राठौर, दुर्गेश दीपिका राठौर, श्रीमति मिवलेश-नवल कुमार, श्रीमति कमलेश-दिनेश कुमार, श्रीमति रिता प्रेमनारायण, श्रीमति दुर्गेश-विनोद कुमार, केदार सिंह, रमेश, अवधेश, सुरेश, कृष्णकुमार, शिवकुमार, बबलू राठौर सहित राठौर परिवार जुटे हुए है।

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