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सर्विस बुक संधारण लेनदेन मामले में जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति

जांजगीर-चाम्पा। नवागढ़ विकासखण्ड के विभिन्न संकुलों के सीएसी द्वारा शिक्षकों के सेवा पुस्तिका संधारण के नाम पर की गई अवैध उगाही मामले में जिला कलेक्टर के निर्देश पर भले ही जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच कमेटी बना दी जिसमें शिवरीनारायण के एक वरिष्ठ प्राचार्य को इसकी जांच करने हेतु आदेशित किया गया। यह पूरा जांच महज खाना पूर्ति तरीके से की गयी है। बीते शनिवार को जब सरकारी आफिस का अवकाश होता है तब जांच अधिकारी नवागढ़ बीईओ आफिस में बैठकर संबंधित सीएसी को बुलाकर उनसे जानकारी ली किंतु डिजिटल पेमेंट की जांच नहीं की गयी, मजे की बात तो यह है कि जिन सीएसी पर लेनदेन का आरोप लगा है वो सारे सीएसी एक दिसंबर सोमवार को एक प्रपत्र लेकर अपने अधीनस्थ शालाओं तक पहुंचे और शिक्षक-शिक्षिकाओं से हस्ताक्षर कराते पाये गये। प्रपत्र में लिखा गया है कि सर्विस बुक संधारण के नाम पर राशि ली गयी है हा या नहीं, कुछ शिक्षकों ने बताया कि ये सीएसी एक दिन पूर्व रात्रि में ही उनके घर पहुंच गये और इस प्रपत्र में हस्ताक्षर करने की जिद करने लगे, अब शिक्षक अपने सीएसी की बात भला कैसे टाले, पूरे मामले में देखने वाले बात यह है कि सारे शिक्षक सीएसी के कहने पर भले ही ऐसे प्रपत्र में हस्ताक्षर कर दिये जिनमें हा या नहीं पर निशान लगाकर प्रपत्र जांच अधिकारी को दे दिया जायेगा। किंतु सच्चाई यह है कि अधिकांश लेनदेन फोन पे से हुआ है जो जांच करने पर स्वतः सामने आ जायेगा किंतु जांच अधिकारी केवल कागजी कार्यवाही करने के लिए लगे हुए है ऐसे में भला सही जांच कैसे होगी यह सोचने वाली बात है। जिनके उपर लेनदेन का आरोप लगा है वो खुद प्रपत्र लेकर शिक्षकों के पास पहुंच रहे है ऐसे में भला कौन शिक्षक होगा जो अपने सीएसी से दुश्मनी मोल लेगा।
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