छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।


ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज़।
संघ से मिले संघ,नई एकता का नया रंग
? CIDA (छत्तीसगढ़ इनसर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन )
? स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़
? JDA (जु़डा) (जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन)
? स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छ.ग.
? छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ
? नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन,छत्तीसगढ़
?UDFA (यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन)
? परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़
?छत्तीसगढ़ FMG डॉक्टर्स एसोसियेशन
? छत्तीसगढ़ RMA एसोसिएशन
?छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय वाहन चालक (स्वास्थ्य विभाग) कल्याण संघ
?JUDA (छत्तीसगढ़ रेगुलर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन)
बैठक में निम्नांकित निर्णय लिया गया –
निर्णय का आधार – फेडरेशन में सभी प्रकार के निर्णय दो तिहाई बहुमत के आधार पर लिया जाएगा।
कार्यकारिणी सदस्य – सभी संघ अपने संगठन से दो प्रतिनिधि फेडरेशन के लिए लेटर पैड के माध्यम से नामांकित करेंगे,ये सभी फेडरेशन के कार्यकारणी सदस्य कहलाएंगे। फेडरेशन का कोई भी विशेष पदाधिकारी नहीं होगा।
फेडरेशन प्रतिनिधि- दो कार्यकारणी सदस्यो में से एक फेडरेशन प्रतिनिधि होगा,जो कि संगठन विशेष और फेडरेशन के बीच समन्वय का कार्य करेंगे और हेल्प डेस्क में भी समन्वय का कार्य करेंगे।
फेडरेशन हेल्प डेस्क – कोविड महामारी और अन्य समय में भी कई बार देखा गया है कि अधिकारी कर्मचारियों एवम उनके परिवार वालों को सरकारी अस्पतालों में तवज्जो नहीं दिया जाता है। अपने पोस्टिंग एरिया के अतिरिक्त परिजनों को कहीं और ईलाज की नौबत आने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी को कई बार काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए फेडरेशन द्वारा एक हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। जिससे राज्य के किसी भी अस्पताल PHC/CHC/DH एवम GMC(गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज) में फेडरेशन से जुड़े अधिकारी कर्मचारी को कोई समस्या आने पर हेल्प किया जाएगा। समझिए कि ये फेडरेशन का 104 होगा। सुविधा फेडरेशन के घटक संघों के सदस्यों के लिए होगी। प्रत्येक संघ के जिले के फेडरेशन प्रतिनिधि द्वारा राज्य के फेडरेशन प्रतिनिधि द्वारा समन्वय स्थापित करके हेल्प डेस्क को अस्तित्व में लाया जाएगा।
हिंसा सर्वप्रमुख मुद्दा – मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग में बढ़ती हिंसा को सबने सबसे प्राथमिक और बड़े मुद्दे के रूप में शामिल किया गया। फेडरेशन में शामिल सभी संघों द्वारा हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए फैसला लिया गया कि –
माँग और प्रोटेस्ट की रणनीति – कहीं भी किसी भी अधिकारी कर्मचारी के साथ हिंसा की घटना होने पर 24 घंटे के भीतर विभागीय FIR,मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की धारा एवम गिरफ्तारी होना आवश्यक होना चाहिए। ये हमारी मांग होती आई है। यह हमारी सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसा न होने पर सर्वप्रथम संबंधित स्थान के सभी अधिकारी कर्मचारी द्वारा असुरक्षित माहौल में कार्य न करने के लिए विवश होना पड़ेगा और संबंधित विभाग प्रमुख को सूचना देकर कार्य बहिष्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। तत्पश्चात भी कार्यवाही न होने पर संपूर्ण जिला उसके बाद संपूर्ण राज्य भी इसी प्रक्रिया को अपनाने मजबूर होगा।
प्रोटेस्ट का समापन – एक बार फेडरेशन के पदाधिकारी द्वारा प्रोटेस्ट का निर्णय लिए जाने पर प्रोटेस्ट समाप्ति की शर्त पहले से ही निर्धारित होगी। किसी प्रकार की बातचीत और समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होगी। विभागीय FIR,मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और आरोपियों की गिरफ्तारी ही आंदोलन खत्म करने का एकमात्र तरीका होगा।
अन्य कॉमन मुद्दे – फेडरेशन के गठन के बाद अगली मीटिंग में अन्य कॉमन एजेंडे जैसे कि केंद्र के समान वेतनमान व भत्ते,नियमितीकरण,ड्यूटी अवधि का निर्धारण,IPHS के अनुसार स्टॉफ की नियुक्ति,ओवरटाइम भत्ता,जोखिम भत्ता,कोविड भत्ता जैसे अन्य मुद्दों पर सहमति के बाद कॉमन मुद्दे तैयार किए जाएंगे और रणनीति तैयार की जाएगी।
आत्मसम्मान व सुरक्षा हमारा मौलिक अधिकार है और इसे हम लेकर ही रहेंगे।










