नाम विजय पाण्डेय कर शपथ अग्निपथ अग्निपथ “जन्म दिन पर मानवीय कार्य तो दूसरे तरह अनुशासन का कोड़ा” एसपी का सख्त छवि, वर्दीधारियों की रंगदारी पर ब्रेक थाना प्रभारी लाइन अटैच दो पुलिस कर्मचारी सस्पेंड ।

जिले को एक ऐसा पुलिस कप्तान मिला है, जो न सिर्फ वर्दी पहनता है बल्कि उसका मान भी रखता है। नाम है — विजय पाण्डेय।
कड़क मिजाज, अनुशासनप्रिय, और जनहित में हर वक्त तैयार।अब तक जो वर्दी पहनकर रौब झाड़ते थे,जो कानून को ताक में रखकर दबंगई दिखाते थे,
उनकी शामत आ गई है।
? “वर्दी का रौब नहीं, अब अनुशासन ही असली ताकत”
जिले की सड़कें हो या थाना परिसर, अब कानून की मर्यादा ही सबसे ऊपर है।
जो पुलिसकर्मी समझते थे कि वर्दी एक ढाल है,
अब उन्हें समझना होगा —वर्दी की गरिमा अगर किसी ने धूमिल की, तो विजय पाण्डेय की कार्रवाई इंतज़ार नहीं करती।
? तीन बड़ी कार्रवाइयाँ — तीन बड़े संदेश
? आरक्षक अनिल दास महंत —
बस स्टैंड जैसी सार्वजनिक जगह पर वर्दी में शराब पीते नजर आया।
वीडियो वायरल हुआ,
और कुछ ही घंटों में सस्पेंड कर दिए गए।

? एएसआई सुनील टैगोर —
पुलिस कस्टडी में आरोपी से मारपीट करने का आरोप लगा,तथ्यों की पुष्टि हुई और सीधा निलंबन।

? थाना प्रभारी भवानी सिंह —
अनुशासनहीनता और लापरवाही के आरोप में लाइन अटैच।

यह वो सख्ती है, जो अक्सर फाइलों में दबी रह जाती है।लेकिन एसपी विजय पांडे ने दिखा दिया कि चुप रहने का जमाना नहीं, जिम्मेदारी निभाने का दौर है।
? जनसेवा और अनुशासन — जन्मदिन पर दोहरी मिसाल
29 जुलाई को एसपी विजय पाण्डेय का 51वां जन्मदिन था।

कई अफसर जहां इस दिन छुट्टी मनाते हैं,
विजय पाण्डेय पहुंचे कुष्ठ निवारण एवं निराश्रित आश्रम।वहीं खाना खिलाया, जरूरत की समान उपहार में दिए समय बिताया, मानवीयता दिखाई।
और उसी दिन,
तीन लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करके सख्ती की भी मिसाल पेश की।
?⚖️ जनता को मिला न्याय का सिपाही
अब जिले की जनता को न घूस देने की ज़रूरत है,न पुलिस के रौब से डरने की मजबूरी।कोई भी शिकायत — चाहे आम नागरिक की हो या पुलिसकर्मी की — अब अनसुनी नहीं जाएगी।
क्योंकि कप्तान साफ है, उसका इरादा साफ है,
और उसका संदेश भी सीधा है —”गलत करने वालों की खैर नहीं!”
विजय पाण्डेय सिर्फ एक अफसर नहीं,
एक उम्मीद बनकर आए हैं उस जनता के लिए, जो अब तक खामोश थी।अब ये चुप्पी नहीं चलेगी —अब चलेगा अनुशासन का कोड़ा।
कई पुलिस कर्मचारी रडार में











