नान के जिला प्रबंधक एवं क्वालिटी कंट्रोलर के खिलाफ कार्यवाही की मांग
देवरी के समाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर से किये लिखित शिकायत


देवरी के समाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर से किये लिखित शिकायत
जांजगीर-चाम्पा। अमानक चावल को मानक घोषित करने हेतु नान के जिला प्रबंधक एवं क्वालिटी कंट्रोलर द्वारा की जा रही अवैध वसूली एवं भ्रष्टाचार के संबंध में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कलेक्टर जांजगीर-चाम्पा से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की हैं। अपने शिकायत में देवरी निवासी राहुल सिंह ने बताया कि जिला जांजगीर–चाम्पा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत शासकीय गोदामों एवं राशन दुकानों में हाल ही में घटिया, अमानक, पुराना तथा पाउडर मिश्रित चावल की आपूर्ति किए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। यह चावल न तो निर्धारित गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरता है और न ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा नियंत्रण आदेशों के अनुसार उपयुक्त है। उक्त अमानक चावल हितग्राहियों तक पहुँच चुका है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। इस पूरे प्रकरण की प्रारंभिक जांच के दौरान यह अत्यंत गंभीर तथ्य सामने आया है कि जिले में पदस्थ तकनीकी सहायक हरदीप सिंह भाटिया द्वारा राइस मिल संचालकों, मिलरों से प्रति लॉट लगभग 7 हजार की अवैध वसूली की जा रही है। हरदीप सिंह भाटिया द्वारा राइस मिलरों को संकेत दिया जाता है कि यदि वे अमानक चावल भी जमा करना चाहते हैं, तो प्रति लॉट 7 हजार का भुगतान करना अनिवार्य है।मिलरों द्वारा भुगतान करने के बाद अमानक चावल को बिना उचित लैब टेस्ट, बिना रासायनिक विश्लेषण और बिना गुणवत्ता जांच रिपोर्ट के मानक घोषित कर दिया जाता है।इस तरह शासकीय रिकॉर्ड में चावल को उत्तीर्ण दर्शा दिया जाता है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत रहती है।तकनीकी सहायक का कार्य गुणवत्ता परीक्षण व रिपोर्टिंग है, लेकिन जब स्वयं वही अधिकारी पैसे लेकर अमानक चावल को मानक घोषित करे, तो यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार एवं सेवा शर्तों का गंभीर उल्लंघन है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि विभाग के कुछ अन्य वरिस्ट कर्मचारी/अधिकारी भी इस प्रक्रिया से अवगत या सम्मिलित हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की जांच आवश्यक है। राहुल सिंह ने तकनीकी सहायक हरदीप सिंह भाटिया के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 वा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 पूरे प्रकरण की स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर जांच स्थापित की जाए।











