किसान को लूटने वाले कीटनाशक दवाई दुकान और खाद्य विक्रेता पर कृषि विभाग का संरक्षण।
किसान को ठगने और लूटने वाला कीटनाशक और खाद्य विक्रेता दुकान पर कृषि विभाग इस कदर मेहरबान है कि किसान अपनी मेहनत की आधी से ज्यादा कमाई कीटनाशक से मुक्ति पाने और खाद्य विक्रेता को लूटाने मजबूर हो जाते हैं ,नकली दवाई पर नकेल कसने कृषि विभाग सिर्फ खाना पूर्ति करती है और दवाई दुकानो पर इस कदर मेहरबान रहते हैं कि दौरे कर जांच के नाम पर लगातार सिर्फ वसूली की जाती है इसमें मुख्य रूप से जिले में पदस्थ REO के माध्यम से कीटनाशक दुकान नकली दवाई और ब्लैक खाद्य का भंडारण का कृषि विभाग के कर्मचारियों के संरक्षण में किया जाता है लाजमी है कि जिस विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाती है इस विभाग का संरक्षण मिल जाए तो नकली दवाई की खेप और ब्लैक में भंडारण कर अधिक रेट में बेचना किसान के लिए किसी कोड़े की मार से कम नहीं है किसान नकली दवाई छिड़काव करके थक जाते हैं और अपनी ही कमाई लूटाते रहते है फिर भी नकली दवा पर नकेल नहीं कसा जाता बल्कि किसानो द्वारा शिकायत और सूचना के बाद वहां जाकर लेनदेन कर मामला को रफा दफा कर दिया जाता है। अक्सर गिद्ध की तरह ये लोग घात लगाए बैठे रहते हैं और लेनदेन में मनचाहा रकम नहीं मिलने पर रेड कार्रवाई कर दिया जाता है जबकि सैकड़ो ऐसे नकली दवा और अवैध खाद्य भंडारण करने वाले के ऊपर कृषि विभाग का संरक्षण पूरी तरह से रहता है जिले में अवैध खाद भंडारण और नकली दवा बहुतायत रूप में बिक्री होती है कृषि प्रधान जिला होने के कारण खाद्य और दवाई की खपत भी प्रदेश में सबसे अधिक जांजगीर चांपा जिला में हो रहे इस बार कृषि विभाग में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों की चार चांद लग गई है खरीफ फसल के साथ अब रवि फसल में भी मोटी रकम नकली दवा विक्रेताओं से अच्छी खासी रकम जबरन केश बनाने के नाम पर दुकानदारों से वसूल किया जाता है।
कृषि विभाग में एक पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जिला मुख्यालय के होने का रौब जमाते हुए डीडीए को अपने झांसे में लेकर पूरी तरह से कृषि विभाग का संचालन और लेनदेन की जिम्मेदारी लेकर अंगद की पांव तरह वर्षों से जमे हुए हैं,सवाल यह उठता है कि एक कृषि विस्तार अधिकारी का पद में फील्ड वर्क होता जबकि वह ऑफिस में एकाउंटेंट का जिम्मेदारी भी निकालते है जिसका मूल काम पूरी तरह से बाधित है ऐसे कर्मचारी के ऊपर प्रशासन को कार्यवाही करते हुए मूल पद में कार्य करने लिए आदेशित करते हुए उनके कार्यकाल में हुए लेनदेन के भी हिसाब करना चाहिए।
नाम मात्र कार्यवाही
आज कृषि विभाग द्वारा सिर्फ खाना पूर्ति करते हुए 500 बोरी बलौदा ब्लॉक के छोटे से नवगवा गांव में कार्यवाही की गई जिसमे रविंद्र कुमार राठौर के घर के गोदाम से खाद hurl कंपनी का यूरिया खाद जप्त किया गया जिसका व्यापारी के पासना बिल था कोई दस्तावेज ना ही यूरिया की उर्वरकता कोई जानकारी थी जिस पर कार्यवाही करते हुए कृषि विभाग की टीम ने गोदाम को सील कर दिया है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि नकली खाद कहां से आ रही है और कृषि विभाग की अधिकारी इससे अनजान कैसे है।