जाज्वल्य न्यूज़ रायपुर :: अशोका रतन प्रोजेक्ट के तहत कोहिनूर का निर्माण किया गया था तब २०१० के विकास अनुज्ञा को देख कर रहवासीयो ने फ़्लैट में निवेश किया था।
ब्रोशर में भी सामने गार्डन दिखाया गया था और वर्तमान में वहाँ गार्डन और बैडमिंटन कोर्ट है जिसमे बच्चे खेलते है। लेकिन आरती बिल्डीकाम के द्वारा उस स्थान को तोड़कर वहां पर दूसरे प्रोजेक्ट की पहुंच के लिए रास्ता देने की कोशिश की जा रही है।
कोहिनूर के पीछे विस्तार करते हुए बिल्डर द्वारा फ़्लैट का निर्माण किया जा रहा है एवं विकास अनुज्ञा उसके लिये रास्ता अलग से अनुमोदन कराया गया है।
बिल्डर अधिक लाभ लेने रास्ता कोहिनूर के अंदर से देना चाहता है और इसके लिये वो गार्डन और बैडमिंटन कोर्ट तोड़ना चाहता है जिसका समस्त कोहिनूर रहवासी विरोध कर रहे है । उनका कहना है कि बिल्डर ने हमें गार्डन और बैडमिंटन कोर्ट दिखा कर फ़्लैट बेचा था अब उसे तोड कर रास्ता बनाना चाहता है। रहवासीयो का कहना है कि आम रास्ता बन जाने से बहुत ज़्यादा गाड़ियों का आवागमन रहेगा जिससे दुर्घटना का भय बना रहेगा।बच्चे अकेले नीचे खेल नहीं पायेंगे और वायु प्रदूषण भी बहुत होगा।
बिल्डर से लगातार गार्डन और बैडमिंटन कोर्ट को न तोड़ने की अपील की गयी लेकिन जब बिल्डर नहीं माना तो कोहिनूर रहवासीयो ने रेरा में मामला दर्ज करा दिया है। वर्तमान में रेरा में इस केस की सुनवाई चल रही है। भाजपा के बड़े नेता होनें के कारण अपने रसूख के दम पर दीवार तोड़ने की जिद पर अड़े हैं। इधर कोहिनूर रहवासियों का कहना है कि वे किसी भी क़ीमत में अपनी ज़मीन आम रास्ता के लिये नहीं देंगे। बिल्डर की मनमानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने केलिए तैयार हैं।