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24 घण्टे के आश्वाशन के बाद भी हांथ खाली, नाराज सप्लायरों का टूटा सब्र का बांध, प्रबंधन से हुई हाथा पाई।

जांजगीर-चांपा::जाज्वल्य न्यूज़::पेपर मिल में प्रबंधन और माल सप्लायर्स में विवाद गहराते जा रहा है। 24 घंटे का समय खत्म होने के बाद जहां सप्लायर्स पेपर मिल पहुंचकर आक्रोश जता रहे थे, तभी प्रबंधन से कुछ लोग आ गए। उन्हें देखते ही सप्लायर्स आग बबुला हो गए और स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई। पूरा विवाद बकाया रकम को दिए बगैर पुरानी मशीनरी को ले जाने की स्थिति में पैदा हुआ है। इसके बावजूद अब तक प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया है। यदि यही स्थिति रही तो यहां भी मड़वा पावर प्लांट की घटना की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।
चांपा से लगे बिरगहनी गांव में मध्य भारत पेपर्स लिमिटेड सालों से बंद है। बताया जा रहा है कंपनी प्रबंधन पर बिजली पानी बिल का करोड़ों रुपए बकाया है तो वहीं माल सप्लाई करने वाले व्यापारियों का भी करीब नौ करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा यहां काम करने वाले श्रमिक व कर्मचारियों का बकाया करोड़ों में है। इन सबकी अदायगी किए बगैर यहां की पुरानी मशीनरी को ले जाने प्रबंधन के कुछ लोग सक्रिय है। सोमवार को पुरानी मशीनरी ले जाने की खबर मिलते ही माल सप्लायर्स बड़ी संख्या में पहुंच गए और उन्होंने पेपर मिल परिसर में काफी हंगामा मचाया था। काफी जद्दोजहद के बाद वहां मौजूद सप्लाइर्स से उनकी बकाया राशि एंट्री की गई। साथ ही सप्लायरों से 24 घंटें का समय मांगा गया था, ताकि इस अवधि में सप्लायरों द्वारा दिए आंकड़े और उनके रिकार्ड में मौजूद आंकड़ों का वेरीफिकेशन के बाद बकाया रकम का एक फिगर बताया जाएगा, ताकि सप्लायर भी संतुष्ट हो जाए। प्रबंधन के इस आश्वासन पर सप्लायर्स सोमवार को वापस चले गए थे। इस बीच रात में एक गाड़ी पुरानी मशीनरी को यहां से ले जाया गया। वादे के मुताबिक, आज फिर से सप्लायर्स बड़ी संख्या में पेपर मिल पहुंच गए और हंगामा मचाने लगे। करीब दो घंटे इंतजार करने के बाद प्रबंधन से कुछ लोग पेपर मिल आए, लेकिन उनके पास कुछ भी कहने को नहीं था। उनकी स्थिति देखते ही सप्लायर्स आक्रोशित हो गए और बात हाथापाई तक पहुंच गई। आखिरकार सप्लायरों ने प्रबंधन के लोगों को यह कहते हुए वहां से भगा दिया कि जब तक उनका बकाया चुकता नहीं हो जाता, वो कंपनी में नजर नहीं आए।

पुरानी मशीनरी की चोरी का आरोप
पेपर मिल में मौजूद प्रबंधन से होने का दावा कर रहे कुछ लोगों का कहना था कि उनके पास उद्योग विभाग की अनुमति है, कि यहां से पुरानी मशीनरी को हटाया जाए। इस आशय को वहां बड़ा बोर्ड में प्रदर्शित किया गया है, जबकि सप्लायरों के पास उद्योग विभाग के आज का एक पत्र है, जिसमें उद्योग विभाग का कहना है कि इस विभाग से केवल पंजीयन का कार्य किया जाता है। किसी प्रकार की अनुमति देने के लिए यह विभाग अधिकृत ही नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रबंधन पर पुरानी मशीनरी की चोरी किए जाने का गंभीर आरोप लग रहा है।

मजदूर और वाहन चालकों को भगाया
24 घंटें बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से नाराज सप्लायर्स काफी आक्रोशित थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि रात में एक गाड़ी पुरानी मशीनरी यहां से ले जाया गया है, तब वो सुरक्षा गार्ड पर बरस पड़े। उन्होंने सुरक्षा गार्ड को काफी फटकार लगाई और सप्लायरों ने दूसरी गेट से अंदर जाकर वहां मशीनरी निकालने के काम में लगे मजदूरों को भगाया। साथ ही अंदर में माल लोड करने के लिए खड़ी दो गाड़ी और एक हाइड्रा को भी वहां से भगाया। साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि फिर यहां आने पर थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी जाएगी।
बकाया रकम देने के बाद ले जाए मशीनरी
कंपनी परिसर में मौजूद माल सप्लायरों का कहना है कि प्रबंधन से होने का दावा करने वाले लोग केवल कोरा आश्वासन देकर पुरानी मशीनरी को ले जाने के फिराक में है। उनका कहना है कि उद्योग विभाग का उनके पास किसी तरह की अनुमति नहीं देने का पत्र है। ऐसी स्थिति में बगैर बिल व जीएसटी के यहां पुरानी मशीनरी की चोरी की जा रही है। जब तक उनकी बकाया रकम नहीं मिल जाती, तब तक वो यहां से पुरानी मशीनरी को ले जाने नहीं देंगे। क्योंकि पुरानी मशीनरी है तो उन्हें रकम वापसी की आस है, मशीनरी ले जाने के बाद उनकी बकाया रकम मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।
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