
चांपा : गणेशोत्सव जैसे धार्मिक पर्व के दौरान भी चांपा व आसपास के क्षेत्रों में होटल-ढाबों पर खुलेआम शराब परोसे जाने का मामला सामने आया है। इस पर पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। पत्रकारों की शिकायत पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो सब कुछ अपनी आंखों से देखने के बावजूद बिना कार्रवाई किए लौट गई।मिली जानकारी के अनुसार, कोरबा रोड स्थित के.के. ढाबा सहित कई ढाबों में पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम शराब परोसी जा रही थी। पत्रकारों ने सबूत सहित शिकायत की, तब जाकर पुलिस पहुंची। लेकिन पहले तो बाहर से ही सायरन बजाकर निकल गई, फिर दबाव पड़ने पर लौटी। एक ढाबे में दस्तक भी दी गई, लेकिन अंदर चल रही शराबखोरी पर कार्रवाई करने की बजाय ढाबा संचालक से सांठगांठ की बू नजर आई।पुलिसकर्मियों ने खुद कार्रवाई करने की बजाय पत्रकारों को ही शिकायत का प्रार्थी बनने की बात कही। इस रवैये से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या था कि मौके पर पहुंची टीम गाड़ी से उतरने और अंदर जाकर कार्रवाई करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाई।गौरतलब है कि पूर्व में भी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर यहां छापामार कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें बड़ी मात्रा में शराब जब्त हुई थी। लेकिन इस बार मौके पर पहुंचे आरक्षकों का रवैया संदेह के घेरे में है।ग्रामीणों और श्रद्धालुओं का कहना है कि गणेशोत्सव का माहौल बिगाड़ने में ढाबों पर होने वाली शराबखोरी की बड़ी भूमिका है, जिस पर पुलिस की शिथिलता से असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं।पूरा घटनाक्रम पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि कहीं यह ढाबा संचालकों से होने वाली कथित वसूली का ही नतीजा तो नहीं, जिसकी वजह से पुलिसकर्मी कार्रवाई करने से पीछे हट रहे हैं।












