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चांपा रेलवे स्टेशन के सामने की 65 दुकानों पर चला बुलडोजर,व्यापारियों के ऊपर रोजी रोटी की समस्या तो शहर की बढ़ेगी सुंदरता।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::चांपा रेलवे स्टेशन के सामने लंबे समय से बेजाकब्जा कर संचालित 65 दुकानों पर रेलवे ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जेसीबी चलवा दिया। यहां से इन दुकानों को हटाए जाने के बाद बदहाल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। सुबह 8 बजे से रेलवे और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में तैनात थे। प्रशासन ने पहले उन्हें सामान निकालने के लिए समय दिया। इसके बाद एक-एक कर सभी 65 दुकानों को जेसीबी के जरिए हटा दिया गया।
रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने पहले ही दुकानदारों को यहां से हटने फरमान जारी कर दिया था, लेकिन मामला टलता रहा। आखिरकार दो दिन पहले बैठक कर शनिवार को बेजाकब्जा हटाने की रणनीति बनी। इस संबंध में एसडीएम ने एक दिन पहले आदेश जारी करते हुए तहसीलदार और नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी दी गई। आज सुबह 8 बजे रेलवे और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में तैनात हुए। इसके बाद सभी दुकानदारों को अपना सामान सुरक्षित निकालने के लिए कुछ समय दिया, फिर ओवरब्रिज के पास से जेसीबी के माध्यम से दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई। दो जेसीबी के माध्यम से सभी 65 दुकानों को यहां से हटा दिया गया। चांपा एसडीएम, एसडीओपी पद्मश्री तंवर, तहसीलदार चंद्रशीला जायसवाल, नायब तहसीलदार, नगरपालिका सीएमओ प्रहलाद पाण्डेय, चांपा टीआई मनीष परिहार सहित रेलवे व पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई हुई। आपकों बता दें कि यहां की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। अक्सर यहां जाम की स्थिति निर्मित होती थी। इन दुकानों के हटने से यहां की बदहाल यातायात व्यवस्था दुरूस्त हो जाएगी। तहसीलदार चंद्रशीला जायसवाल का कहना है कि दुकानों को हटाने की सूचना दुकानदारों को पहले ही दे दी गई थी। दुकानों पर जेसीबी चलने के बाद मलबे को व्यवस्थित किया जाएगा। वहीं पौनी पसारी योजना के तहत बनी दुकानों में कुछ दुकानदारों को शिफ्ट किया जाएगा। वहीं बाकी दुकानदारों को भी जगह देखकर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
रोजी रोटी की समस्या खड़ी होगी
इधर, बीते पांच दशक से संचालित दुकानों को हटाने के बाद दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि ये सही है कि जहां वो दुकान लगा रहे हैं वो रेलवे की भूमि है, लेकिन वो यहां बीते पांच दशक से दुकान संचालित कर रहे हैं। इन दुकानों के दम पर ही उनके परिवार की गाड़ी आगे चल रही थी। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें पुर्नस्थापित किए बेदखल किए जाने से उनके सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इन्हें पौनी पसारी योजना के तहत बन रही दुकानों को आवंटित करने की बात कही जा रही है, लेकिन वहां फल की दुकानें चलेंगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।

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