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कलेक्टोरेट मार्ग की स्ट्रीट लाइट को ठीक करने नगरपालिका और पीडब्ल्यूडी एक-दूसरे पर थोप रहे जिम्मेदारी, शाम ढलते ही अंधेरे पसर जाता कलेक्टोरेट मार्ग पर।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा:: पिछले एक सप्ताह्र से शहर के कलेक्टोरेट मार्ग में शाम ढलते ही अंधेरा पसर जा रहा है। स्ट्रीट लाइट में खराबी के कारण पूरा कलेक्टोरेट मार्ग अंधेरे में डूब जा रहा है। इस मार्ग में कलेक्टर, एसपी, जिला न्यायाधीश, जिला पंचायत सीईओ, जिला अस्पताल सहित कई महत्वपूर्ण अफसरों का दफ्तर है, जो समय बेसमय इस मार्ग से आवाजाही करते हैं। इसके बावजूद कोई इस मार्ग के अंधेरे को दूर करने जहमत नहीं उठा रहे हैं। इस मार्ग की स्ट्रीट लाइट को ठीक कौन करे, यह जिम्मेदारी अब तक तय नहीं हो सकी है।
जिला मुख्यालय जांजगीर का महत्वपूर्ण मार्ग कलेक्टोरेट है, जहां कलेक्टर, एसपी के साथ ही कई महत्वपूर्ण अफसरों का सरकारी कार्यालय है। इसके अलावा इसी मार्ग में हाउसिंग बोर्ड है, जहां दर्जनों की संख्या में लोगों का आवासीय परिसर है। इसके साथ ही जिले का सबसे बड़ा जिला अस्पताल भी इसी मार्ग से होकर आवाजाही की जाती है। इसके बावजूद इस मार्ग की अक्सर स्ट्रीट लाइट बंद रहती है,

जिसे देखने वाला कोई नहीं है। अभी जांजगीर चांपा मार्ग से कलेक्टोरेट मार्ग में प्रवेश करते हुए लोगों का सामना अंधेरे से होता है। समय-बेसमय उक्त अफसरों का सामना भी इसी अंधेरे से होता है, लेकिन फिर भी इस मार्ग का अंधेरा दूर करने कोई रुचि नहीं ले रहा है। हमनें अपनी जवाबदारी समझते हुए इस पूरे मामले को प्रकाश में ला रहे हैं, ताकि कोई अफसर इस पर संज्ञान लेकर इस समस्या को दूर कर सके। हमनें इस संबंध में
>नगरपालिका सीएमओ चंदन शर्मा से बात करते हुए कलेक्टोरेट मार्ग की स्ट्रीट लाइट को ठीक कराने को कहा था, तब नगरपालिका ने स्ट्रीट लाइट को दुरूस्त करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। इस संबंध पीडब्ल्यूडी के ईई केपी लहरे का कहना है कि कलेक्टोरेट रोड की स्ट्रीट लाइट दुरूस्त करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की नहीं है। नगरपालिका का यह बयान पूरी तरह से गलत है।

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