16 सालों में पहली बार नहीं मिल रहा मनरेगा के मजदूरों को रोजगार चुनावी घोषणा पूरा नहीं करने से नाराज मनरेगा कर्मी है अनिश्चित कालीन हड़ताल पर।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में काम करने वाले लाखों मजदूरों को आखिर काम क्यों नहीं मिल पा रहा है छत्तीसगढ़ के इतिहास की अगर हम बात करें तो 16 सालों में यह पहला मौका होगा जब अप्रैल के माह में एक भी काम नहीं चल रहा है और ना ही मजदूरों को रोजगार मिल पा रहा है तो आखिर ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे क्या कारण है तो इसकी मुख्य वजह है कांग्रेस सरकार के द्वारा अनियमित कर्मचारियों को नियमित किये जाने को लेकर जन घोषणा पत्र में किया गया नियमितीकरण का वह वादा। जो सरकार ने 3 सालों में भी पूरा नहीं किया। जिसके चलते ही पूरे प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारी रोजगार सहायक 4 अप्रेल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे है, और मनरेगानके मजदूरों को रोजगार नही मिल पा रहा है।

मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में संविदा पर विकासखण्ड स्तर पर 131 कार्यक्रम अधिकारी, 1454 तकनीकी सहायक और ग्राम पंचायतों में 9240 ग्राम रोजगार सहायकों के साथ ही जिला स्तर पर सहायक परियोजना अधिकारी, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, समन्वयक (शिकायत निवारण), सहायक प्रचार-प्रसार अधिकारी तथा जिला और जनपद में प्रोग्रामर, लिपिकों, कम्प्यूटर आपरेटर व लेखपालों सहित कुल 12 हजार 488 लोग काम कर रहे हैं। जिनके चलते ही प्रदेश में लाखों मजदूरों को आसानी से रोजगार मिलता है। इन कर्मचारियों की बदौलत ही सरकार राष्ट्रीय स्तर पर हर साल पुरस्कार पाती है और अपनी पीठ थपथपाती है, लेकिन जब कर्मचारियों के हित की बात आती है तो यह सब भूला दिया जाता है।
कोरोना काल में संभाली थी कमान
जब पूरे देश कोरोना की वजह से लोगों के रोजगार छिन गए थे कोई भी बाहर नही निकल रहा था तब ऐसे में छत्तीसगढ़ के मनरेगा के कर्मचारियों अपनी जान हथेली पर रखकर मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया और गाँव के हर जॉबकार्ड परिवार को रोजगार देने का प्रयास किया।
जिले में जमकर चल रहा हल्ला बोल
4 अप्रैल से राज्य भर में मनरेगाकर्मी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है। हड़ताल ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है, जिसका समर्थन जनप्रतिनिधि विधायक, ज़िला पंचायत अध्यक्ष से लेकर सरपंच, सचिव सभी कर रहे है।
जांजगीर चाम्पा में कर्मचारियों ने आंदोलन को सक्रिय बना रखा है और विभिन्न कार्यक्रमो के द्वारा माँग पूरी करने तक हल्ला बोल किये हुए है
तो वही प्रदेश स्तर पर दंतेवाड़ा से पैदल यात्रानियमितीकरण की मांग को लेकर की जा रही है।दंतेवाड़ा से मनरेगा के कर्मचारी पैदल दांडी यात्रा करते हुए चल रहे है और रस्ते में जगह जगह संबोधित कर नियमितीकरण क़ी अलख जागते हुए सरकार से मांग पूरी करने कहा जा रहा है।












