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हे भगवान कैसा कलयुग मौत के मुआवजा की राशी हड़प गए, थानेदार और डॉक्टर।

जांजगीर-चांपा :: जाज्वल्य न्यूज़ :: ∅सर्पदंश से मृत व्यक्ति के परिजनों से थानेदार और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा एक लाख रुपए से ज्यादा वसूली का मामला सामने आया है। मामला राजनांदगांव जिले के अंतिम छोर माओवाद प्रभावित औंधी का है। मामला सामने आने के बाद एसपी राजनांदगांव ने एसआई को सस्पेंड कर दिया है जबकि डॉक्टर को लेकर सीएमएचओ ने रिपोर्ट तलब की है। औंधी क्षेत्र के बागडोंगरी निवासी तिलकराम यादव ने शिकायत की है कि उसके भाई कार्तिक राम यादव की मृत्यु कुछ माह पूर्व सर्पदंश से हो गई थी।

प्रारंभिक उपचार आंधी में हुआ था और मौत के बाद परिजनों ने आर्थिक सहायता के लिए आवेदन दिया था। आर्थिक सहायता की प्रक्रिया चल ही रही थी। इसी बीच थाना प्रभारी तारन सिंह डहरिया ने अपने लिए और पीएम करने वाले सरकारी अस्पताल डॉक्टर सुमन के लिए पैसे की मांग की। तिलक के अनुसार उसने एक लाख दो हजार रुपए अलग-अलग किश्त में दोनों को दिए।

सरकारी के अस्पताल के डॉक्टर ने हड़प लिए पैसे
तिलक यादव ने बताया कि पहले 48 हजार रुपए उसने अपनी बहन से लेकर टीआई डहरिया को दिया और बाकी पैसा मुआवजा मिलने के बाद देने की बात कही। मुआवजा के रुप में 4 लाख रुपए मिलने की जानकारी होने के बाद टीआई डहरिया और डॉक्टर सुमन ने उससे फिर संपर्क किया। इसके बाद उसने बैंक से 50 हजार रुपए निकाले और 5 हजार रुपए और डॉक्टर सुमन को 30 हजार रुपए दिया। तिलक के अनुसार डॉक्टर सुमन ने उसे फिर डराया और धमकी दी। इसके बाद उसने 20 हजार रुपए डॉक्टर को फिर दिया।

परिवार को जहर का इंजेक्शन देकर मारने की धमकी
तिलक ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि रुपए देने के बाद भी उसके घर पुलिस के लोग और डॉक्टर के लोग पहुंच रहे हैं और धमकाने का काम कर रहे हैं। उसने बताया कि डॉक्टर सुमन ने तो बागडोंगरी के अस्पताल के कमरे में उसे बंद कर कालर पकड़कर धमकाया और यहां तक कहा कि उसकी बीबी और बच्चे को जहर का इंजेक्शन देकर मारने की धमकी भी दी।

गृह मंत्री से की शिकायत
पीडि़त तिलक यादव ने एसआई तारन सिंह डहरिया और डॉक्टर सुमन की गृहमंत्री, एसपी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के शिकायत की है। पीडि़त तिलक ने राजनांदगांव में पूर्व सांसद मधुसूदन यादव से भी मिलकर मदद की गुहार लगाई है। राजनांदगांव एसपी डॉ. श्रवण ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है और पूरे मामले की एसडीओपी स्तर के अफसर से जांच कराई जा रही है।

जानिए किसने क्या कहा
सीएमएचओ राजनांदगांव डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी होने के बाद बीएमओ से रिपोर्ट मंगाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद शासन को भेजकर मार्गदर्शन मांगा जाएगा। पूर्व सांसद राजनांदगांव मधुसूदन यादव ने कहा कि मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजा पर भ्रष्टाचार अनुचित है। इस मामले में दोषियों पर कडी़ कार्रवाई होनी चाहिए।

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