हसदेव अभ्यारण उजड़ने से होने वाले समस्याओं के लिए लोगो को करेंगे रूबरू,बरारी आश्रम के बैठक में जागरूक करने बनी सहमति ।
ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::जिले में भी हसदेव अभ्यारण मामले को लेकर लोग आगे आने लगे हैं। चांपा के बरारी आश्रम में आज इस संबंध में एक बैठक हुई, जिसमें हसदेव अभ्यारण के जंगल को काटकर वहां कोल ब्लाक बनाने की चल रही तैयारी और जंगल उजड़ने के दुष्प्रभाव से लोगों को रूबरू कराने विभिन्न माध्यम अपनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में पोस्टर, पंप्लेट, फ्लैक्सी, रैली, कैंडल मार्च स्कूल कॉलेजों में इस मुद्दे को छात्रों को बताने पर सहमति बनी।
आपकों बता दें कि हसदेव नदी के माध्यम से ही अकेले जांजगीर-चांपा जिले के 2.14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है, लेकिन हसदेव अभ्यारण उजड़ने के बाद सिंचाई के साथ ही पानी की गंभीर समस्या शुरू हो जाएगी। अभी यह जिला धान उत्पादन के मामले में नंबर वन है तो वहीं सर्वाधिक सिंचित वाला जिला भी यही है, लेकिन आने वाले दिनों में ये सब इतिहास बनकर रह जाएगा। इस लिहाज से देखा जाए तो हसदेव अभ्यारण के उजड़ने से वन्यप्राणी, वनवासी, पर्यावरण संतुलन बिगड़ने के साथ ही इस जिले को भी सर्वाधिक नुकसान होगा। यहां के लोग यदि अब नहीं जागे तो केवल हाथ मलने के अलावा और कुछ नहीं रह जाएगा, क्योंकि हसदेव अभ्यारण को बचाने वनवासी चौबीसों घंटें वहां पहरा दे रहे हैं तो वहीं गोली और बल के दम पर जंगल की कटाई कराने सरकार अमादा है। बताया यह भी जा रहा है कि अब तक सैकड़ों पेड़ों की कटाई हो चुकी है। इस मसले में सभी चोर-चोर मौसेरे भाई है। क्योंकि केंद्र सरकार ने कोल ब्लाक आवंटन किया है तो वहीं राज्य सरकार ने जंगल की कटाई कराने की अनुमति दी है। ऐसे में बिलासपुर के कुछ समाजसेवी बीते चार महीनों से इसी मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं,। अब जिले में भी यह मामला जोर शोर से उठने लगा है।