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स्ट्रीट सिचुएशन वाले बच्चों की पहचान और संरक्षण जरूरी।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा

उच्चतम न्यायालय में प्रचलित जनहित याचिका में जारी आदेश के अनुक्रम में स्ट्रीट सिचुएशन वाले बच्चों की पहचान कर उन्हे बाल कल्याण समिति के माध्यम से संरक्षण प्रदान करते हुए शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना है। जो बच्चे बिना सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है, बच्चे दिन में सड़कों पर रहते है और रात में निकट की झुग्गी/झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते हैं, अपने परिवार के साथ सड़कों पर रहने वाले बच्चे स्ट्रीट सिचुएशन की श्रेणी में आते हैं।
स्ट्रीट सिचुएशन वाले बेसहारा बच्चों की दुर्दशा गंभीर चिंता का विषय है एवं यह उन बच्चों के अधिकारों का घोर उल्लंघन है तथा इसके विकास में बाधक है एवं बच्चे अपनी उत्तरजीविता भोजन पानी, वस्त्र आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षाे एवं चुनौतियों का सामना करते हैं। इन बच्चों के आर्थिक ,लैगिंक एवं अन्य प्रकार के शोषण बंधक होने मानव तस्करी दुर्घटनाओं के शिकार होने का गंभीर खतरा होता है। जांजगीर-चांपा जिले के समस्त सम्माननीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं स्वयं सेवी संस्थाओं एवं सभी नागरिकों से आग्रह की गई है कि उक्त बच्चों की मदद के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हर संभव प्रयास करें एवं 1098 निशुल्क नंबर पर संपर्क करें तथा अन्य संपर्क नंबर-8963997174, 9301359339 पर जिला संरक्षण इकाई को सूचित करें।

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