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विश्व रक्त दिवस के अवसर पर रक्तवीर संजय राठौर महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के हाथों हुए सम्मानित अब 41बार कर चुके है रक्तदान।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::राज्यपाल एवं इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ शाखा की अध्यक्ष सुश्री अनुसुईया उइके ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राजभवन में प्रदेश के सभी जिलों से आए स्वैच्छिक रक्तदाताओं एवं रेडक्रास सोसायटी को सहयोग देने वाली 60 स्वयंसेवी संस्थाओं एवं उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ शाखा द्वारा आयोजित किया गया। गौरतलब है कि राजभवन में आयोजित इस सम्मान कार्यक्रम में संजय राठौर समाजसेवी को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के द्वारा सम्मानित किया गया। संजय राठौर को कोरोना काल मे किये गए उत्कृष्ठ कार्यों और अब तक बस्तर जिले में रक्तदान व रक्त के जरूरतमंदों को आपातकालीन सहायता कर रक्तदान कराने के लिए सम्मान प्राप्त हुआ। राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत होने के बाद से जांजगीर चांपा वासियों में हर्ष व्याप्त है और बधाईयों का तांता लगा हुआ है।
संजय राठौर टीम मानवता के अहम सदस्य के रुप में कार्य किए इसने कोविड महामारी की विभीषिका के दौरान भी कोरोना संक्रमित मरीजो को ऑक्सीजन वेंटलेटर प्लाज्मा एवं कोरोना से मृत हुए व्यक्तियों एवं निशुल्क एंबुलेंस सेवा प्रदान किए और कइयों का अंतिम संस्कार की पूर्ण कराया , जब उनके परिजनों में भी इसे लेकर डर व्याप्त था। जो रक्तदान के क्षेत्र में किसी पहचान के मोहताज़ नहीं। शहर में रक्त के जरूरतमंदो में से हर तीसरे का संपर्क लगभग संजय राठौर से होकर ही पूर्ण होता है। संजय पिछले 9-10 सालों से रक्तदान संबंधी सेवा कार्यों से जुड़े हुए हैं। आज पर्यंत तक लगभग 4 हजार से अधिक लोगों से रक्तदान करवाया एवं कईयों को इस नेककार्य के लिए प्रेरित करते हुए स्वयं भी कई बार रक्तदान कर चुके हैं।
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि रक्तदान महादान है और यह अत्यंत पुण्य का कार्य है। रक्तदान के जरिए एक व्यक्ति दूसरों को नई जिंदगी देता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आएं और इस नेक कार्य में रेडक्रॉस सोसायटी का सहयोग करें। आप रक्तदान कर न केवल उस मरीज की जान बचाते हैं बल्कि उस मरीज के परिवार को भी नया जीवन देते हैं, क्योंकि एक व्यक्ति के जीवन से बहुत सारे लोगों का जीवन और उनकी भावनाएं जुड़ी होती हैं। उन्होंने रक्तदाताओं एवं रक्तदान से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं को इस पुनीत कार्य में सहयोग करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज भी इस दिशा में जनजागरूकता की कमी है और दूरदराज के इलाकों में खून की जरूरत पड़ने पर लोगों को भटकना पड़ता है। सुश्री उइके ने प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं की सराहना की और कहा कि प्रदेश के सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता लाने के कार्य किये जाने चाहिए
राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ शाखा द्वारा जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराने के अलावा अनेक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भी रेडक्रॉस सोसायटी छत्तीसगढ़ के स्वयंसेवक लगातार मरीजों की सेवा एवं उन्हें सामग्री पहुंचाने में लगे रहे। उन्होंने बस्तर के अलेक्जेंडर एम. चेरियन की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कोविड महामारी के भयंकर दौर में भी कोरोना से मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया, जब उनके परिजन भी इससे डर रहे थे। इस सेवाभावी कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर रेडक्रॉस मेरिट सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। पूरे देश में 06 व्यक्तियों को सम्मानित किया गया था, जिसमें चेरियन भी शामिल हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, राज्यपाल के उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों, उच्च शैक्षणिक संस्थानों के कुलपति, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्वैच्छिक रक्तदाता उपस्थित थे।

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