मौत के मुकाबले में अमोरा के लाल द लायन प्रतीक ने मारी बाजी।
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ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा:: छत्तीसगढ़ के इतिहास में भारत का सबसे बड़ा रेसलिंग महासंग्राम पहली बार राजधानी के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में युनिक वार नाम के प्रो रेसलिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया गया , जिसमें देश-विदेश के अठारह नामी फाइटरों की फाइट खेल प्रेमियों को देखने को मिला। इस मैच की खासियत ये रही कि यह मैच नो रूल्स के अंतर्गत खेला गया यानि प्रो- रेसलिंग से जुड़े कोई भी नियम इस मैच में लागू नहीं थे। इस फाइट में दर्शकों को टेबल , चेयर , ट्यूबलाईट , हॉकी ,डन्डे जैसे प्राप्स का इस्तेमाल देखने को मिला। इस मौत के मुकाबले में छत्तीसगढ़ के एकमात्र रेसलर जांजगीर चांपा ( अमोरा – महंत) निवासी द लायन प्रतीक तिवारी ने भी भाग लिया , जिनका मुकाबला नेपाल के प्रोफेशनल रेसलर अमित ऐस्सनसन से हुआ। बता दें अमित ऐस्सनसन टैग टीम चैंम्पियन है। ये दंगल शो में बैंगलोर , राजस्थान , वाराणसी , मथुरा , छतरपुर , नोएडा के अलावा थाईलैण्ड में भी अपनी जलवा दिखा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि यह मुकाबला एक मैच ना होकर दो रेसलरों के बीच जिंदगी की जंग भी थी , जिसमें अपनी जीत दर्ज करने के लिये सभी रेसलर हर चुनौती को स्वीकार करने को तैयार थे। कई इंटरनेशनल फाइटरों को धूल चटाने वाले प्रतीक ने आखिरकार इस मुकाबले में भी अपनी जीत दर्ज कर अपने जिला और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
गृह जिला में हुआ भव्य स्वागत
मौत के मुकाबले में जीत हासिल करने के आज देर शाम प्रतीक तिवारी सड़क मार्ग से होते हुये जाज्वल्य नगरी जांजगीर और यहां शारदा चौक से रोड शो करते हुये कचहरी चौक पहुंचे। जहां उन्होंने बाडी प्रदर्शन कर अपने साथ हुये मुकाबले के अनुभव और जीत पर प्रकाश डाला। स्वागत समारोह के अंत में उन्होंने उपस्थित गणमान्य नागरिकों और प्रशंसकों का आभार व्यक्त करते हुये अपनी जीत का श्रेय जांजगीर सहित पूरे छत्तीसगढ़ को दिया। इस सम्मान समारोह को आयोजित करने में आनंद तिवारी ,समीर द्विवेदी , शिशिर शर्मा , पंकज पांडेय , राज मिश्रा , सुनील साहू , राजू साहू सहित सभी विशिष्ट मित्रों का उल्लेखनीय योगदान रहा। यहां स्वागत पश्चात उनका काफिला खुली जीप में अपने निवास के लिये रवाना हुआ। जहां उनके प्रशंसकों ने पुनः आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया। गृहप्रवेश करने पर उनकी मां मंजू तिवारी और धर्मपत्नी गरिमा तिवारी ने तिलक लगाकर और आरती करके स्वागत किया। यहां प्रतीक ने अपनी मां को तिरंगा सौंपा , तत्पश्चात मुहल्लावासियों ने एक साथ घर पहुंचकर गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।
पहला और अंतिम लक्ष्य रेसलिंग – प्रतीक
अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रतीक ने बताया कि उनके पिता रामगुलाम तिवारी खली के बड़े फैन हैं। मैंने जब से होश संभाला एंटरटेनमेंट के नाम पर उन्हें टीवी पर फाइट देखते ही पाया। मन ही मन मैंने तय कर लिया था कि रेसलर ही बनना है। तेरह साल की उम्र में घर पर ही जिम बनाकर एक्सरसाइज करने लगा। मेरी लगन देखकर पैरेंट्स भी खली के पास ट्रेनिंग के लिये भेजने राजी हो गये। प्रतीक ने अपने लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उनका पहला और अंतिम लक्ष्य रेसलिंग ही है। वे अपनी प्रतिभा को लोगों के सामने लाना चाहते हैं ताकि दूसरे को प्रेरणा मिल सके।
कौन है प्रतीक तिवारी
रेसलर की दुनियाँ में द लायन के नाम से सुप्रसिद्ध रेसलर प्रतीक तिवारी (26 वर्षीय) जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम अमोरा ( महंत) निवासी श्रीमति मंजू रामगुलाम तिवारी के इकलौते सुपुत्र हैं। बारहवीं तक की शिक्षा अपने गांव में ही पूरी करने के बाद इन्होंने ग्रेजुएशन किया है। प्रतीक को बचपन से ही रेसलिंग देखने और वैसा ही बनने का शौक उनके पिताजी को था। जिसके बाद उन्होंने अपने इकलौते बेटे को रेसलिंग में भेजने का ठान लिया और द ग्रेट खली के पास प्रशिक्षण के लिये पंजाब भेजा। तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद ट्रेनिंग लेकर प्रतीक अब तक दो सौ से अधिक रेसलिंग में हिस्सा ले चुका है। कई चैंपियनशिप बेल्ट हासिल करने के बाद प्रतीक इस बार अपने गृह राज्य की राजधानी में आयोजित प्रो रेसलिंग में भी अपना जलवा बरकरार रखा।