जाज्वल्य देव लोक महोत्सव का व्यक्तिगत लाभ के कारण घट रहा लोकप्रियता,पिछला आयोजन रहा विवादों भरा तो इस बार जन आक्रोश के साए में मनेगा महोत्सव…..

@कैलाश कश्यप रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा।
जाज्वल्य देव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक मेला में प्रदेश के नहीं बल्कि देशभर के नामी-गिरामी कलाकार आकर अपने प्रस्तुति देते रहें और पूरे देश में महोत्सव का चर्चा हुआ करता था प्रस्तुति देखने व मेला का आनंद लेने आस पास के गांव के लोग आया करते थे फिर भी हाई स्कूल मैदान सबको अपनी झोली में सामा लेते थे और लोग जमकर आनंद उठाते थे और मेला का आनंद इस मैदान के भीतर ही मिल जाता था।
हाईस्कूल मैदान को छोटे होने के हवाला देते हुए इस बार होने वाले महोत्सव मेला को दो भागों में बांट दिया गया है जिससे दोनों जगह भीड़ में कमी आयेगी वही रोजी रोटी के लिए बाहर से आए दुकानदारों की कमाई भी कम होगी एग्रीटेक मेला कृषि उपज मंडी मैदान खोखरा रोड जांजगीर में होगा जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मीना बाजार हाईस्कूल मैदान में होने जा रहा है। जिससे शहर वासियों में भारी रोष है चंद लोग ही इस मेला का आयेजन समिती के सदस्य है जो अधिकारियो को गुमराह करने सफल हो गए और मेला को दो भागों में बांट दिए।
हाई स्कूल मैदान को जानबूझ कर व्यक्तिगत लाभ लेने या दिलाने लगातार छोटा करने साजिश करते आ रहे खेल मैदान की रूप देने स्टेडियम नुमा दो तरफ करोड़ो रूपये फूंक कर बड़ा भ्रष्ट्राचार कर गए और मैंदान को छोटा करने कोई कोर कसर नहीं छोडे अंततः वो अधूरा स्टेडियम सिर्फ असामाजिक तत्वों के काम आ रहा जो शाम होते ही जाम छलका कांच के टुकड़े छिपाने सहायक हो रहें।
आनन फानन में बनाया गया लाल किला बना सबसे बड़ा रोड़ा।
डी एम एफ मद से बना लाखों की से बना लाल क़िला जिला वासियों के लिए गौरव का विषय है लेकिन बिना सोचें समझे जगह चयन कर आधा अधूरा निर्माण बाहरी ठेकेदार के द्वारा करा दिया गया शहर के जिम्मेदार लोग ना उसका विरोध कर पाए ना कोई समझाईस दे पाए बल्कि शहर की सुंदरता को चार चांद लगाने के बजाय ग्रहण लगाने सहयोग करते मौन साध लिए मेला प्रांगण के भीतर के बजाय बाहरी तरफ या पुराने कलेक्ट्रेड परिसर में निर्माण होता तो ज्यादा प्रभावी होता।
एग्रीटेक एवं जाज्वल्य देव लोक महोत्सव लगातार विवादों के साए में।
पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत या जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत द्वारा पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करना जिसके कारण मेला आयोजक को काफी विरोध झेलना पड़ा और अंततःमाफी मांग कर मामला रफा दफा किया गया और पत्रकारों ने भी सुझबुझ दिखाते हुए जिले के मान बनाए रखने सारे गिले सिकवे समाप्त कर आगे बढ़ गए।
अब पुनःजन आक्रोश की दंश में मेला इस दो जगह आयोजन करने लोगो मे काफी आक्रोश है बाहर से आए लोगों को मेला देखने के लिए दो जगह समय देनी होगी जबकि बीच की किराए में साधन जुटाना टेढ़ी खीर साबित होने के साथ-साथ भारी-भरकम राशि चुका कर एक दूसरे जगह पहुंचा जा सकेगा।