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चांपा में आज भूमि विवादः निर्माणाधीन बजरंग बली मंदिर को जेसीबी से तोड़ा, बजरंग बली की मूर्ति घर के बरामदे में रखी, ट्रस्ट की बताई जा रही भूमि।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज जांजगीर चांपा::चांपा शहर के वार्ड नंबर 21 में उस समय बवाल मच गया, जब ट्रस्ट वालों ने निर्माणाधीन हनुमान मंदिर को जेसीबी के जरिए तोड़ दिया। इस दौरान वार्ड पार्षद और ट्रस्ट वालों के बीच जमकर बहस भी हुई। आखिरकार निर्माणाधीन मंदिर को तोड़ने के बाद बजरंग बली की प्रतिमा को एक मकान के बाहर बरामदे में रखा गया है। इस घटना से कहीं न कहीं हिन्दू धर्म की भावना आहत हुई है।
चांपा के वार्ड नंबर 21 में उस समय बवाल मच गया, जब ट्रस्ट वालों ने निर्माणाधीन हनुमान मंदिर को जेसीबी के जरिए तोड़ दिया।

इस दौरान वार्ड पार्षद और ट्रस्ट वालों के बीच जमकर बहस भी हुई। वार्ड के लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि चांपा के वार्ड नंबर 21 भक्तिन दाई होली खेत की जमीन डोंगाघाट ट्रस्ट की बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि यह जगह पहले वीरान थी। असामाजिक तत्वों का यहां जमावड़ा रहता था। इससे जहां मोहल्ले का माहौल खराब हो रहा था तो वहीं बच्चों पर भी असामाजिक तत्वों के नशाखोरी का बुरा प्रभाव पड़ रहा था। इसे देखते हुए वार्ड के लोगों ने बरगद पेड़ के नीचे शिव लिंग एवं बजरंग बली की प्रतिमा रख दी।

इसके बाद यहां पूजा अर्चना और कीर्तन भजन का दौर प्रारंभ हो गया। यहां की महत्ता दिनोंदिन बढ़ती गई। वार्ड पार्षद नागेन्द्र गुप्ता ने लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यहां एक हैंडपंप का खनन भी करा दिया, ताकि यहां आए लोगों को पेयजल की समस्या न हो। आखिरकार यहां कुछ साल पहले मोहल्लेवासियों ने मिलकर भव्य राम कथा का आयोजन भी किया था। फिर लोगों ने आपस में निर्णय लिया कि यहां क्यों न बजरंग बली का मंदिर निर्माण कर दिया जाए। इस पर सभी ने सहमति जताई और आपस में सहयोग राशि एकत्रित कर मंदिर निर्माण प्रारंभ कर दिया। इसकी भनक लगते हुए ट्रस्ट वाले कुछ लोग आए और निर्माणाधीन मंदिर को जेसीबी से तोड़ दिया। इसकी खबर लगते ही वार्ड पार्षद नागेन्द्र गुप्ता भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक निर्माणाधीन मंदिर टूट चुका था। वार्ड पार्षद और ट्रस्ट वालों के बीच जमकर बहस भी हुई। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। यहां की बजरंग बली प्रतिमा को मोहल्ले के एक मकान में रखा गया है। इस घटनाक्रम से कहीं न कहीं धार्मिक भावना आहत हुई है।

इस बात पर हुआ विवाद
बताया जा रहा है उक्त जमीन भक्तीन दाई साहू ने बहुत पहले डोंगाघाट मंदिर में चढ़ा दिया था। इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों ने मंदिर निर्माण प्रारंभ कराया। उनकी सोच थी कि मंदिर निर्माण और पूजा पाठ सार्वजनिक कार्य है, जबकि ट्रस्ट वालों का मानना था कि मंदिर निर्माण की आड़ में बेजाकब्जा किया जा रहा है। बहरहाल, निर्माणाधीन मंदिर में तोड़फोड़ के अलावा आसपास के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं, जेसीबी के लाने ले जाने के चक्कर में पेयजल की पाइप भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे पेयजल में भी लोगों को दिक्कतें होगी।

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