किसान हितैषी योजनाओं से किसानों की संख्या में हुई वृद्धि, युवाओं की रूचि बढ़ी खेती किसानी में।
जांजगीर-चांपा/जाज्वल्या न्यूज़ ,20 नवम्बर, 2021/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी योजनाओ से खेती किसानी के प्रति युवाओं का उत्साह बढ़ा है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, कृषि ऋण योजना सहित अन्य योजनाओं से किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। किसान हितैषी योजनाओं के चलते जांजगीर-चांपा जिले में भी पंजीकृत किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 1 लाख 94 हजार से अधिक किसानो ने पंजीयन करवाया है।
3 वर्षो में 75 नई समितियां और 20 नये उपार्जन केन्द्रो का गठन।
राज्य में समर्थन मूल्य पर सबसे अधिक धान खरीदी जांजगीर-चांपा जिले में होती है। इसके लिए खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 196 सहकारी समितियों के माध्यम से 231उपार्जन केन्द्रों में 1 लाख 94 हजार से अधिक किसानो से धान उपार्जन किया जाएगा। विगत 3 वर्षो में 75 नई समितियां और 20 नये उपार्जन केन्द्रों का गठन किया गया है। विगत 3 वर्ष पहले तक जिले में 121 समितियां और 211 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जाती थी।
छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से किसान प्रोत्साहित हुए हैं। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। खरीदी गए धान की मात्रा में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
विपणन वर्ष 2019-20 में 1 लाख 69 हजार 54 किसानों ने 32 लाख 77 हजार 622 क्वींटल धान बेचा था। इसी प्रकार विपणन वर्ष 2020-21 में जिले के 1 लाख 83 हजार 529 किसानो ने 79 लाख 82 हजार 743 क्वींटल धान बेचा था। खरीफ विपर्णन वर्ष 2021-22 में 1 लाख 94 हजार से अधिक किसानो ने पंजीयन करवाया है।
इसी प्रकार अन्य किसान हितैषी योजनाओं से किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से भी गरीब किसान उत्साहित हुए हैं। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को वर्ष में 6 हजार रुपए प्रति वर्ष अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इसी भी प्रकार गौधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालक किसानों को गोबर बेचने से अतिरिक्त आय होने लगी है। वहीं गांवों में जैविक खाद उपलब्ध होने से किसान जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। इससे रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रहेंगे और पौष्टिक अनाज का उत्पादन भी मिलेगा।