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अरविंद सिरेमिक प्लांट में मजदूरों का हो रहा शोषण…..।

ब्यूरो रिर्पोट जाज्वल्य न्यूज हिम्मत सच कहने की,जांजगीर–चांपा

बम्हनीडीह ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत अफरीद में स्थापित अरविंद सिरेमिक प्लांट में मजदूरों का शोषण हो रहा है नियम कायदों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है।:बावजूद मजदूरों के हित में आवाज़ उठाने वाला कोई नही है । नाम न छापने की स्थिति में अरविंद इंड्रस्टीज में काम करने वाले श्रमिको द्वारा बताया है कि 8 से 10 घण्टे काम के बदले दो सौ रुपये की मजदूरी के हिसाब से सप्ताह में दे दी जाती है साथ ही मेडिकल या अन्य सुविधा से कंपनी को मजदूरो के लिए कोई सरोकार नही रहा है गांव में रहने वाले कुछ छुटभैया नेता भी कंपनी की ही भाषा बोलते है जिसके चलते कंपनी मनमाने तरीके से संचालित हो रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम अफरीद में स्थापित अरविंद सिरेमिक प्लांट के खिलाफ गांव में बनी महिला समिति ने पूर्व में भूख हड़ताल किया था उनका मानना था कि यह सिरेमिक प्लांट गांव के लोगो का शोषण करेगी, प्लांट से निकलने वाली जहरीली गैसे आस पास के फसलों को बर्बाद कर देगी साथ ही सिलीकोसिस नामक बीमारी फैलने का डर बना हुआ था जिसके चलते लगातार उद्योग के खिलाफ आदोंलन हुये अंततः महिला समिति भी उद्योग के खिलाफ कुंडली मारकर बैठ गई है वही रसूखदार उद्योग पति का प्लांट अब मनमाने तरीके से संचालित हो रहा है न तो मजदूरो को मेडिकल सुविधा दी जा रही है और न ही पीएफ सुविधा का कोई इंतजाम है सप्ताह के अंतिम दिन अल्प वेतन दे दिया जाता है अगर मजूदर वेतन के खिलाफ कुछ बोले तो उन्हें काम से बाहर निकाल दिया जाता है। गांव के बड़े नामी गिरामी एवं पंचायत के लोगो को भी इस जनसमस्या से कोई सरोकार नही है मजदूरो की माने तो उनको भी रसुखदार उद्योग पति द्वारा खर्चा पानी का खुराक दिया जाता है जिसके चलते मामले में मौन सहमति मिल जाता है इस कारण प्लांट संचालक का मनोबल सातवे आसमान पर है।

उद्योग पति ने प्लांट गेट के सामने मुख्य सड़क के जमीन तक को किया अवैध कब्जा पंचायत दे रही मौन सहमति।

देश की आजादी को भले ही 75 वर्षो से अधिक हो गया है मगर आज भी कहि न कही भोले भाले ग्रामीण दबे हुए दिखाई दे रहे ठीक ऐसा ही नजारा ग्राम अफरीद में देखने को मिल रहा है जहां अरविंद सिरेमिक उद्योग द्वारा मनमाना व्यापार किया जा रहा है वर्तमान में इस उद्योग ने अपने प्लांट के गेट के सामने मुख्य सड़क तक कि जमीन को कब्जा कर सीसी रोड निजी उपयोग करने बना दिया है आपको बता दे उद्योग ने अपने प्लांट के लिए दो अलग अलग रास्ता ले रखा है जिसमे प्लांट गेट नाला के सामने गार्डन के लिए सरकारी जमीन को कब्जा किया है वही दुसरे गेट के सामने सरकारी जमीन पर मुख्य सड़क तक सीसी रोड बना दिया है ग्रामीण ने बताया सरपँच चिंता बाई भैना स्थापित उद्योग के खिलाफ पूर्व में आंदोलन का मुख्य हिस्सा रही है जिसके चलते पंचायत में सरपँच चुनी गई है सरपँच बनते ही उनके एजेंडा को मानो साप सूंघ गया है वही मनमानी करने वाले प्लांट के खिलाफ चूप्पी साधे बैठी है।

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